मातृभूमि कविता हिंदी नोट्स भावार्थ, 10th Hindi Mathrubhumi Notes Question Answer Summery in Hindi Mathrubhumi Poem Notes 10th Standard 2024 Kseeb Solution For Class 10 Hindi Chapter 1 Notes
I. कवि परिचय :
भगवतीचरण वर्मा जन्म और जन्म स्थल : सन् 30 आगस्त 1903 उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला के शफीपुरगाँव में हुआ।
कार्य क्षेत्र : विचार और नवजीवन पत्रिका के संपादक थे और आकाशवाणी में काम किया है।
पुरस्कार: भूले बिसरे चित्र को साहित्य अकादमी पुरस्कार
रचनाएँ : उपन्यास : चित्रलेख उपन्यास पर दो बार फिल्म निर्माण हुआ है
टेढे-मेढे रास्ते, पतन तीन वर्ष अपने खिलौने,
कहानी संग्रह : मेरी कहानियाँ, संपूर्ण कहानियाँ, मोर्चबंदी
कविता संग्रह : मेरी कविताएँ, सविनय और एक नाराज
नाटक : मेरे नाटक. वसीयत ।
मृत्यु : सन् 5 अक्तूबर 1981
II. एक वाक्य में उत्तर लिखिए:
1. कवि किसे प्रणाम कर रहे है ?
उत्तर :- कवि मातृभूमि को प्रणाम कर रहे है।
2. भारत माँ के हाथों में क्या है ?
भारत माँ के एक हाथ न्याय पताका और दूसरे हाथ में ज्ञान दीप है।
3. आज माँ के साथ कौन है ?
उत्तर :- आज माँ के साथ करोड़ों लोग है।
4. सभी ओर क्या गूँज उठा है ?
उत्तर :- सभी ओर जय हिंद का नाद गूंज उठा है।
5. भारत के खेत कैसे है ?
उत्तर :- भारत के खेत हरे-भरे और सुहाने है।
6. भारत भूमि के अंदर क्या-क्या भरा हुआ है ?
उत्तर :- भारत भूमि के अंदर बहुत खनिज संपदा भरा हुआ है।
7. सुख-संपत्ति, धन-धाम को माँ कैसे बाँट रही है ?
उत्तर:- सुख-संपत्ति, धन-धाम को माँ मुक्त हाथों से बाँट रही है।
8. जग के रूप को बदलने के लिए कवि किससे निवेदन करते है ?
उत्तर:- जग के रूप को बदलने के लिए कवि भारत वासियों से निवेदन करते है।
9. जय हिंद का नाद कहाँ-कहाँ पर गूंजना चाहिए ?
उत्तर : जय हिंद का नाद सारे नगर और गाँवों पर गूंजना चाहिए
III. दो तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
1. भारत माँ के प्रकृति सौंदर्य का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :- भारत की माँ हरे भरे खेतों से सुंदर है यहाँ फल – फूलों से युक्त वन उपवन है। और इस धरती में अमूल्य खनिजों की अपार संपदा है इस प्रकार भारत की माँ सुख संपत्ति और धन-धान्य से भरे है।
2. मातृभूमि का स्वरूप कैसे सुशोभित है ?
उत्तर: भरत माँ के एक हाथ में न्याय पताका और दूसरे हाथ में ज्ञान दीप है । इस हिंदुस्थान में गांधी, बुद्ध, राम आदी महान पुरुषों का जन्म हुआ है .भारत की माँ हरे भरे खेतों से सुंदर है यहाँ फल-फूलों से युक्त वन उपवन है। और इस धरती में अमूल्य खनिजों की अपार संपदा है इस प्रकार भारत की माँ सुख संपत्ति और धन-धान्य से भरे है।
मातृभूमि’ कविता के प्रश्न उत्तर
अनुरूपता
वसीयत : नाटक : : चित्रलेखा :शत-शत : द्विरुक्ति : : हरे-भरे :
बायें हाथ में : न्याय पताका : : दाहिने हाथ में : हस्त : हाथ : : पताका :
उत्तरः
उपन्यास;
शब्द युग्म;
ज्ञानदीप;
ध्वज।
IV. दोनों खंडों को जोड़कर लिखिए :
अ ब
1) तेरे उर में शायित – अ) वन-उपवन
2) फल-फूलों से युत – आ) आज साथ में
3) एक हाथ में – इ) कितना व्यापक
4) कोटि-कोटि हम – ई) शत-शत बार प्रणाम
5) मातृ-भू – उ) न्याय-पताका
ऊ) गाँधी, बुद्ध और राम
उत्तरः
ऊ;
अ;
उ;
आ;
ई।
V. भावार्थ लिखिए :
एक हाथ में न्याय-पताका,
ज्ञान-दीप दूसरे हाथ में,
जग का रूप बदल दे, हे माँ,
कोटि-कोटि हम आज साथ में।
गूंज उठे जय-हिंद नाद से-
सकल नगर और ग्राम,
मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम।
Mathrubhumi Poem Summary in Hindi
प्रस्तुत पंक्तियाँ भगवतीचरण वर्मा द्वारा रचित ‘मातृभूमि’ नामक कविता से ली गई हैं। कवि भारत माता के स्वरूप का वर्णन करते हुए कहते हैं – भारत माता के एक हाथ में न्याय की पताका है, तो दूसरे हाथ में ज्ञान का दीप है। अर्थात, भारत माँ अपने बच्चों में न्याय करते हुए ज्ञान प्रदान कर रही है, तो कवि भारत माँ से विनंति कर रहे हैं कि, हे भारतमाता तुम अपने न्याय तथा ज्ञान से इस जग का रूप बदल दो। आज हम कोटि-कोटि भारतवासी तुम्हारे साथ हैं। सारे देश में, ग्राम-ग्राम और नगर-नगर में, ‘जय-हिंद’ का नाद गूंज उठे। हे माँ! तुम्हें शत-शत प्रणाम।